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Saturday, January 21, 2012

Fwd: [VISHWA JAGRITI MISSION] एक गरीब व्यक्ति एक महात्मा के पास गया और बोला,...



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From: Rajesh Gambhir

एक गरीब व्यक्ति एक महात्मा के पास गया और बोला,...
Rajesh Gambhir 20 January 19:51
एक गरीब व्यक्ति एक महात्मा के पास गया और बोला, 'महाराज, मेरा अधिकतर जीवन गरीबी में गुजर गया। मैं भी वैभव व अमीरी में जीवन गुजारना चाहता हूं। कृपया मेरी मदद करें।' व्यक्ति की बात सुनकर महात्मा मुस्करा दिए और बोले, 'कल तुम इसी समय मेरे पास आना और अपनी कोई भी एक इच्छा बताना। मैं उसे अवश्य पूरा कर दूंगा।' यह सुनकर व्यक्ति खुश होते हुए अपनी झोपड़ी में आ गया।
रात भर वह विचार करता रहा कि मैं महात्मा से कौन सी इच्छा पूरी करने को कहूं? कभी वह सोचता कि वह महात्मा से कहेगा कि वह उसकी महल में रहने की इच्छा पूरी कर दें। महल में रहने से वह खुद ही सेठ बन जाएगा। फिर उसने सोचा, नहीं खाली महल से तो काम नहीं चलेगा। इससे अच्छा तो वह राजा बन जाए। राजा बनकर वह सब पर शासन करेगा और उसे धन-धान्य किसी भी बात की कोई कमी नहीं रहेगी। किंतु तभी उसके मन में विचार आया कि राजा तो स्वयं प्रजा पर आश्रित होता है।
यदि उसे प्रजा पसंद न करे तो वह रातोंरात जमीन पर आ जाता है। इसी उधेड़बुन में सुबह हो गई। सुबह वह महात्मा के पास पहुंचा। महात्मा उसे देखकर मुस्कराते हुए बोले, 'हां भाई, बोलो, तुम्हारी कौन सी इच्छा पूरी की जाए?'
महात्मा की बात सुनकर वह व्यक्ति बोला, 'महाराज, रात भर मैं इसी उधेड़बुन में लगा रहा कि कौन सी इच्छा पूरी करूं? लेकिन मुझे लगा कि एक इच्छा अनेक इच्छाओं को जन्म दे देती है। इसलिए सबसे अच्छी व मन को संतोष देने वाली इच्छा तो आत्मसंतुष्टि है। इसलिए आप मेरी यही इच्छा पूरी कर दीजिए कि मेरे अंदर आत्मसंतोष रहे और कभी भी असंतोष की भावना मुझे गलत मार्ग पर चलने को प्रेरित न करे।' व्यक्ति की बात सुनकर महात्मा मुस्करा कर बोले, 'तथास्तु।' इसके बाद वह व्यक्ति संतुष्ट होकर अपने घर चला गया और मेहनत-मजदूरी करके अपना जीवन बिताने लगा।

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