कर्म
कर्म और भाग्य दोनो अलग अलग हें और इनका महत्त्व ही ! कर्मठता पर ध्यान दो और आलस्य को त्यागो ! भाग्यवादी मत् बनो परिश्रम करो !
गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश
--
in this blog you will found many useful thins please read labels carefully & then read the post
No comments:
Post a Comment